September 3, 2009

मेरी खामोशियों में भी फसाना ढूंढ लेती है

मेरी खामोशियों में भी फसाना ढूंढ लेती है

बड़ी शातिर है ये दुनिया बहाना ढूंढ लेती है

हकीकत जिद किए बैठी है चकनाचूर करने को

मगर हर आंख फिर सपना सुहाना ढूंढ लेती है

न चिडि़या की कमाई है न कारोबार है कोई

वो केवल हौसले से आबोदाना ढूंढ लेती है

समझ पाई न दुनिया मस्लहत मंसूर की अब तक

जो सूली पर भी हंसना मुस्कुराना ढूंढ लेती है

उठाती है जो खतरा हर कदम पर डूब जाने का

वही कोशिश समन्दर में खजाना ढूंढ लेती

1 comment:

  1. Mujhko Rulakar DiL Uska B Roya HogaChehra Aansuo Se Usne B Dhoya HogaAgr N Kiya HasiL Kuch Mene Pyar MeKuch N Kuch Usne B Khoya To Hoga.Good Night GOVIND RAAJ
    09926023451
    09993525119

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