ग़ज़ल और कविता कोष :: Gazalz, Kavita Collection
दोस्तों ये खजाना आप लोगो के लिये।
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September 9, 2009
तुम नहीं, ग़म नहीं, शराब नहीं,
प्रस्तुतकर्ता
Unknown
at
6:54 AM
तुम नहीं, ग़म नहीं, शराब नहीं,
ऐसी तन्हाई का जवाब नहीं,
गाहे गाहे इसे पढ़ा कीजे,
दिल से बेहतर कोई किताब नहीं,
जाने किस किस की मौत आयी है,
आज रुख़ पे कोई नक़ाब नहीं,
वो करम उँगलियों पे गिनते हैं,
ज़ुल्म का जिनके कुछ हिसाब नहीं.
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जगजीत सिंह जी की गई हुयी एक बहुत खुबसूरत ग़ज़ल
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