August 29, 2009

खुद से बातें मेरी खू.....


जिस्म दमकता, जुल्फ घनेरी, रंगी लब, आँखे जादू,
संगे-मरमर, उदा बादल, सुर्ख शफक, हैरान आहू,
भिक्षु दानी, प्यासा पानी, दरिया सागर, जल गागर,
गुलशन खुशबू, कोयल कु-कु, मस्ती दारू, --- मैं और तू,

बांबी नागन, छाया आँगन, घुंघुरू छन-छन, आशा मन,
आँखे काज़ल, परबत बादल, वो जुल्फें, और ये बाजू,

रातें महकी, साँसे दहकी, नज़रें बहकी रुत लहकी,
सपन सलोना, प्रेम खिलौना, फूल बिछोना, और वो पहलू,

तुमसे दूरी, ये मज़बूरी, ज़ख्म-ऐ-कारी, बे-दारी,
तनहां रातें, सपने कातें, खुद से बातें मेरी खू.....

No comments:

Post a Comment