वो इन्सान ही क्या जिसमें इन्सानियत नही है,
तुम्हारी किस्मत तो देखो कैसी है,
वो जला डाला है तुमने वो मेरा नशेमन नही है,
जिस रास्ते पर चल पड़े हो,
ठहर जाओ वहीं पर,
पांव रखा है जहां तुमने वो मेरी राह नही है,
::शेफ़ाली शर्मा के सहयोग से::
जिस रास्ते पर चल पड़े हो,
ठहर जाओ वहीं पर,
पांव रखा है जहां तुमने वो मेरी राह नही है,
::शेफ़ाली शर्मा के सहयोग से::
Is nikrasht samaj ke garam thapede jab mereee chhati par padenge,
to meri chhati ke doodh ko mera beta bacha lega.
Mujh par jub us soodkhor ki ghinoni aankhe ghoorati hai to,
ye sochkar mere doodh ko chhupa leti hun,
kal ko mera doodh hi us nikrasth baniye ki aankhe nikal lega.